छत्रपति संभाजी नगर - शिक्षा व नौकरियों में आरक्षण के लिए मराठों के आगजनी करने के बाद अन्य पिछड़ा वर्ग अर्थात ओबीसी समाज में भय व्याप्त है. हम मराठों को आरक्षण देने के खिलाफ नहीं हैं, परंतु वह ओबीसी से नहीं. यदि राज्य सरकार ने ऐसे किया, तो तख्त पलट देंगे. यही नहीं, अध्यादेश को अदालत में चुनौती देंगे. जालना जिले के अंबड़ में यल्गार सम्मेलन से समाज खुद सुरक्षित महसूस कर रहा है. अब 26 को हिंगोली में सभा का आयोजन किया गया. तत्पश्चात पश्चिम महाराष्ट्र में 2 बड़े सम्मेलनों के अलावा कोंकण, रत्नागिरी में भी सभाएं होंगी. यह जानकारी पूर्व विधायक प्रकाश शेंडगे ने दी. बैठक में अखिल भारतीय समता परिषद के जिलाध्यक्ष मनोज घोड़के. जिला उपाध्यक्ष सुरेश बनसोड़, जिला प्रसिध्दि प्रमुख संदीप घोडके, पूर्व शहराध्यक्ष अर्जुन सोनवणे, तेली समाज के कचरू वेलंजकर, धनगर समाज के दिलीप अग्रहारकर, दादासाहब रोकड़े, ज्ञानेश्वर जेजुरकर, कैकाड़ी समाज के संजय मेढे, मिठू ननावरे, महेंद्र देमगुंडे, नाभिक समाज अशोक राऊत, ईश्वर शेलार, डॉ. संदीप घुगरे, मच्छिंद्र भोसले आदि उपस्थित थे.
■ शेंडगे ने कहा कि मराठा आरक्षण के लिए कोल्हापुर के छत्रपति संभाजीराजे ने कई बार आंदोलन व अनशन किए. परंतु ओबीसी से मराठा समाज को आरक्षण देने का आग्रह नहीं किया.
■ छत्रपति शिवाजी महाराज के विचारों पर अनुसरण करने से ओबीसी समाज का उन पर भरोसा आज भी कायम है.
■ मराठा समाज के नेता जब नागरी आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल पर वैयक्तिक टीका- टिप्पणी कर रहे थे, तब संभाजीराजे ने उनकी भूमिका स्पष्ट करनी चाहिए थी.
■ अब भुजबल के पक्ष रखने के बाद संभाजीराजे बोल रहे हैं. संभाजीराजे को सलाह दी कि वे ओबीसी नेताओं के बयानों का बुरा न लगने दें
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के संस्थापक अध्यक्ष राज ठाकरे ने कहा था कि मनोज जरांगे पाटील को कौन ताकत प्रदान कर रहा है. इस बारे में पूछे गए सवाल पर शेंडगे ने कहा कि वे ठाकरे के बयान से सहमत हैं. राज्य सरकार से मांग की कि मराठा आरक्षण के लिए आगजनी, हमला करने वालों के साथ ही मास्टरमाइंड भी खोजें.
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